क्या आप जानना चाहते हैं हवा महल की हर मंजिल में क्या राज छुपे हैं? चलिए, हवा महल की हर मंज़िल का सफर तय करते हैं और इसके इतिहास और रहस्यों को उजागर करते हैं।
हवा महल की हर मंजिल पर खिड़कियों का जाल, नीचे से ऊपर तक राजसी ठाठ और हवादार रहस्यों का अनोखा डिजाइन बना हुआ है|
हवा महल की सीढ़ियों को भूल जाइए, सीधी चढ़ाई की जगह हवा महल में रैंप का अनोखा रास्ता, हर मंजिल तक का सफर बनाता है शाही अंदाज़ में।
हवा महल की दीवारों में बनी नहरों में बहता पानी, महल के हर मंजिल में हवा को ठंडा और ताजा रखता था, जिससे गर्मी के मौसम में भी राजसी परिवार आरामदायक रहता था।
बिना बिजली के प्राकृतिक वायु संचार प्रणाली से सुसज्जित हवा महल, अपनी वास्तुकला के चलते पूरे महल में हवा को संचारित करता था|
पहली मंजिल, जिसे शरद मंदिर कहा जाता है, शरद ऋतु के उत्सवों और समारोहों में रंगों का आनंद लेने के लिए एकदम आदर्श स्थान हैं।
दूसरी मंजिल जिसका नाम रतन मंदिर है, झरोखों से शहर देखने का राजसी ठिकाना। यहाँ चमकदार कांच की कलाकृतियां देखने को मिलती है।
तीसरी मंजिल का नाम विचित्र मंदिर, जहां राजा-महाराजा किया करते थे अपने आराध्य का पूजन; और इस मंजिल पर ही व्यतीत करते थे कुछ पल एकांत के|
जैसे नाम, वैसा काम! प्रकाश मंदिर हवा महल की चौथी मंजिल, जहाँ सूरज की किरणें करती हैं हवा महल को रोशनी से भी रोशन!
पांचवी मंजिल जिसका नाम हवा मंदिर है, जो हवा महल का मुकुट मानी जाती है, जयपुर शहर का मनोरम दृश्य प्रस्तुत करती है। यह जगह जयपुर के राजा-महाराजाओं का प्रिय स्थान था।
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