राजस्थान जो की किलों और महलों का राज्य है, इसी राज्य से हम प्रस्तुत करते है राजस्थान के १० प्रसिद्ध किलों की सूची (top 10 forts in Rajasthan in Hindi)| यही हम जानेंगे राजस्थान के प्रसिद्ध किले कौन कौन से है| तो आइये सैर करते है राजस्थान के प्रमुख किलो की (famous forts in Rajasthan)|
१. मेहरानगढ़ दुर्ग, जोधपुर | मेहरानगढ़ फोर्ट | Tour of Mehrangarh | मेहरानगढ़ किला
जोधपुर शहर के ऊपर, एक ऊंची चट्टान पर स्थित, मेहरानगढ़ दुर्ग (Mehrangarh Fort) राजस्थान के गौरवशाली इतिहास का प्रतीक है। १५ वीं शताब्दी में राव जोधा ने मेहरानगढ़ किला बनवाया, यह विशाल किला अपने भव्य वास्तुकला, शानदार दृश्यों और समृद्ध इतिहास के लिए पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है।
मेहरानगढ़ किला इतिहास का गवाह
मेहरानगढ़ दुर्ग (Mehrangarh ka kila) ने सदियों से युद्धों और संघर्षों को देखा है। इसकी मजबूत दीवारें और सात प्रवेश द्वार दुर्ग की अभेद्यता का प्रमाण हैं। किले के भीतर कई महल, मंदिर और संग्रहालय स्थित हैं, जो राजपूत शासन की कलात्मक प्रतिभा और ऐतिहासिक महत्व को दर्शाते हैं।
पर्यटकों के लिए मेहरानगढ़ दुर्ग के आकर्षण | Attractions of Mehrangarh Fort
- जयपोल: १८ वीं शताब्दी में निर्मित यह प्रवेश द्वार जयपुर के महाराजा मान सिंह की जीत का प्रतीक है।
- मोती महल: सफेद संगमरमर से निर्मित यह खूबसूरत महल शाही ठाठ का प्रतीक है।
- शीश महल: दर्पणों से सजा हुआ यह महल अपनी चमक-दमक के लिए प्रसिद्ध है।
- दौलत खाना: शाही परिवार के हथियारों और कवचों का संग्रहालय।
- मेहरानगढ़ किला संग्रहालय: राजपूत इतिहास और संस्कृति से जुड़ी वस्तुओं का संग्रह।
मेहरानगढ़ किले की यात्रा की जानकारी | Mehrangarh Travel Guide
- मेहरानगढ़ दुर्ग, जोधपुर के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है।
- मेहरानगढ़ का समय: यह किला साल भर सुबह ९ बजे से शाम ६ बजे तक पर्यटकों के लिए खुला रहता है।
- मेहरानगढ़ के टिकट: प्रवेश शुल्क भारतीयों के लिए रु. १०० और विदेशियों के लिए रु. ६०० है।
- मेहरानगढ़ किले तक पहुंचने के लिए आप टैक्सी या ऑटो रिक्शा का उपयोग कर सकते हैं।
२. चित्तौड़गढ़ दुर्ग, चित्तौड़गढ़ | चित्तौड़गढ़ का किला | Travel Guide of Chittorgarh Fort
चित्तौड़गढ़ दुर्ग, राजस्थान के चित्तौड़गढ़ शहर में स्थित एक विशाल किला है, जो अपनी वीरतापूर्ण कहानियों और शानदार वास्तुकला के लिए जाना जाता है। यह किला अरावली पर्वत श्रृंखला की एक पहाड़ी पर स्थित है और ७०० एकड़ से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है।
चित्तौड़गढ़ किले का इतिहास | History of Chittorgarh Fort
- चित्तौड़गढ़ किले का निर्माण ७ वीं शताब्दी में मौर्य राजा चित्रांगद मौर्य द्वारा करवाया गया था।
- चित्तौड़गढ़ कई शक्तिशाली राजवंशों, जैसे मौर्य, गुप्त, परमार, सोलंकी और राठौड़ों की राजधानी रहा है।
- चित्तौड़गढ़ का किला कई युद्धों का गवाह रहा है, जिनमें सबसे प्रसिद्ध अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण और रानी पद्मिनी की जौहर की कहानी है।
चित्तौड़गढ़ किले के आकर्षण | Attractions of Chittorgarh Fort
- विजय स्तंभ: यह ९ मंजिला स्तंभ, महाराणा कुंभा द्वारा मालवा के सुल्तान पर विजय प्राप्त करने के उपलक्ष्य में बनवाया गया था।
- पद्मिनी महल: यह महल रानी पद्मिनी की सुंदरता के लिए जाना जाता है।
- रानी जौहर स्मारक: यह स्मारक उन वीरांगनाओं को समर्पित है जिन्होंने अलाउद्दीन खिलजी से बचने के लिए जौहर किया था।
- मीराबाई मंदिर: यह मंदिर भगवान कृष्ण की भक्त, मीराबाई को समर्पित है।
- सूर्य कुंड: यह एक प्राचीन कुंड है, जो सूर्य देव को समर्पित है।
चित्तौड़गढ़ किले का पर्यटन | Tourist Guide of Chittorgarh Fort
- चित्तौड़गढ़ दुर्ग, राजस्थान के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है।
- चित्तौड़गढ़ का किला साल भर पर्यटकों के लिए खुला रहता है।
- चित्तौड़गढ़ दुर्ग का प्रवेश शुल्क ३० रुपये है और भारतीयों के लिए ५ रुपये है।
- चित्तौड़गढ़ किले तक पहुंचने के लिए बस, टैक्सी या ऑटो रिक्शा का उपयोग किया जा सकता है।
३. जैसलमेर का किला, पर्यटन | जैसलमेर दुर्ग | Travel Guide of Jaisalmer Fort
जैसलमेर का किला, थार मरुस्थल के बीच एक चमत्कार की तरह खड़ा है। पीले बलुआ पत्थरों से निर्मित होने के कारण, सूर्य की रोशनी में जैसलमेर का किला सोने जैसा चमकता है, इसलिए इसे “सोनार का किला” या “गोल्डन फोर्ट” भी कहा जाता है। १२ वीं शताब्दी में निर्मित, यह किला न केवल राजसी वैभव का प्रतीक है, बल्कि ऐतिहासिक युद्धों और कहानियों का साक्षी भी है।
जैसलमेर किले में पर्यटकों के लिए आकर्षण | Tourist Attraction of Jaisalmer Fort
- भव्य वास्तुकला: किले की दीवारें, बुर्ज और जटिल नक्काशीदार प्रवेश द्वार, राजपूत स्थापत्य कला का शानदार उदाहरण हैं।
- महल और हवेलियां: किले के अंदर कई महल और हवेलियां स्थित हैं, जो राजसी जीवनशैली की झलक दिखाती हैं। कुछ प्रसिद्ध महलों में राज महल, रानी का महल और शीश महल शामिल हैं।
- जैन मंदिर: किले के अंदर जैन धर्म के अनुयायियों द्वारा निर्मित कई खूबसूरत मंदिर हैं। इन मंदिरों में जैन धर्म से जुड़ी कलाकृतियों और मूर्तियों को देखा जा सकता है।
- लोक कला और संगीत: किले के बाहर, आप स्थानीय कारीगरों द्वारा बनाई गई हस्तशिल्प वस्तुएं खरीद सकते हैं और लोक कलाकारों द्वारा प्रस्तुत पारंपरिक संगीत का आनंद ले सकते हैं।
जैसलमेर किले की यात्रा जानकारी | Travel Information of Jaisalmer Fort
- जैसलमेर का किला, जैसलमेर शहर के केंद्र में स्थित है।
- जैसलमेर का किला साल भर पर्यटकों के लिए सुबह ९ बजे से शाम ६ बजे तक खुला रहता है।
- जैसलमेर किले का प्रवेश शुल्क भारतीयों के लिए रु. ३०.और विदेशियों के लिए रु. १०० है।
- जैसलमेर किले तक पहुंचने के लिए आप टैक्सी, रिक्शा या पैदल चलकर जा सकते हैं।
४. आमेर किला, पर्यटन | आमेर दुर्ग | Travel Guide of Amer Fort
जयपुर से ११ किलोमीटर दूर आमेर शहर में स्थित आमेर किला, राजस्थान के गौरवशाली इतिहास और शानदार वास्तुकला का एक अद्भुत नमूना है। १६ वीं शताब्दी में कछवाहा राजपूतों द्वारा निर्मित, यह किला पहाड़ी की चोटी पर स्थित है और मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है।
आमेर का किला इतिहास का साक्षी | History of Amer Fort
आमेर किला सदियों से राजस्थान के इतिहास का साक्षी रहा है। मुगल सम्राट जहांगीर की पत्नी, जोधाबाई इसी किले की राजकुमारी थीं। किले के भीतर कई महल, हॉल, मंदिर और उद्यान हैं, जो उस समय के शाही जीवन शैली की झलक देते हैं।
आमेर किले के मुख्य आकर्षण | Main Attraction of Amer Fort
- शीश महल: दर्पणों से सजा हुआ यह महल, अपनी चमक-दमक के लिए प्रसिद्ध है। केवल एक मोमबत्ती जलाने से पूरा महल जगमगा उठता है।
- महाराजा मान सिंह महल: भव्य वास्तुकला से युक्त यह महल, किले के मुख्य आकर्षणों में से एक है।
- दीवान-ए-आम: यह सार्वजनिक दरबार था, जहां राजा जनता की समस्याएं सुनते थे।
- सीढ़ीदार बावड़ी: पानी के संरक्षण के लिए बनाई गई यह विशाल बावड़ी, अपनी अनूठी वास्तुकला के लिए जानी जाती है।
आमेर किले का पर्यटन | Amer Fort Travel Guide
- आमेर किला, जयपुर के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है।
- आमेर का किला सुबह ९:०० बजे से शाम ४:३० बजे तक पर्यटकों के लिए खुला रहता है।
- आमेर किले का प्रवेश शुल्क भारतीयों के लिए रु. ५० और विदेशियों के लिए रु. ३०० है।
- आमेर किले तक पहुंचने के लिए आप बस, टैक्सी या ऑटो रिक्शा का उपयोग कर सकते हैं।
५. कुंभलगढ़ दुर्ग, पर्यटन | कुंभलगढ़ का किला | Travel guide of Kumbhalgarh Fort
राजसमंद जिले में स्थित कुंभलगढ़ दुर्ग, अपनी अभेद्यता और शानदार वास्तुकला के लिए विश्व प्रसिद्ध है। मेवाड़ के शासक राणा कुम्भा द्वारा निर्मित, यह किला भारत की महान दीवार के नाम से भी जाना जाता है।
क्यों घूमें कुंभलगढ़ दुर्ग | Kumbhalgarh Fort Tourist Attractions
- अजेय किला: ३६ किलोमीटर लंबी दीवार से घिरा यह किला दुश्मनों के लिए कभी जीतना असंभव था।
- विशाल संरचनाएं: किले के अंदर कई महल, मंदिर और अन्य संरचनाएं देखने को मिलती हैं, जो मेवाड़ राजवंश की कलात्मकता का प्रदर्शन करती हैं।
- नीलकंठ महादेव मंदिर: भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर १५ वीं शताब्दी का है और अपनी शांत वातावरण के लिए जाना जाता है।
- बादल महल: बादलों को छूने वाला यह महल अपनी मनमोहक वास्तुकला और मनोरम दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है।
- कुंभलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य: दुर्ग के आसपास स्थित यह अभयारण्य बाघ, तेंदुआ, लंगूर और विभिन्न पक्षियों का घर है।
कुंभलगढ़ किले की पर्यटन संबंधी जानकारी | Kumbhalgarh Fort Travel Guide
- कुंभलगढ़ दुर्ग, राजस्थान के लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है।
- कुंभलगढ़ का किला साल भर पर्यटकों के लिए सुबह ९ बजे से शाम ६ बजे तक खुला रहता है।
- कुंभलगढ़ किले का प्रवेश शुल्क भारतीयों के लिए रु. ३० और विदेशियों के लिए रु. १०० है।
- कुंभलगढ़ किले तक पहुंचने के लिए आप बस, टैक्सी या निजी वाहन का उपयोग कर सकते हैं।
६. रणथंभौर दुर्ग, पर्यटन | रणथंभौर का किला | Travel guide of Ranthambore Fort
रंगीन इतिहास, शानदार वास्तुकला और वन्यजीवों की सुंदरता का संगम समेटे हुए, रणथंभौर का किला राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में स्थित है। १० वीं शताब्दी में निर्मित, यह किला रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान के बीच में स्थित है, जो बाघों के लिए प्रसिद्ध है।
रणथंभौर किले का इतिहास | History of Ranthambore Fort
कहा जाता है कि इस किले का निर्माण चंदेल शासक रंतिदेव द्वारा करवाया गया था। इसके बाद, कई शासकों, जैसे चौहान राजवंश, मुगलों और ब्रिटिशों ने इस किले पर अपना शासन किया। इस किले की दीवारें वीरतापूर्ण युद्धों और कहानियों की गवाह हैं।
रणथंभौर किले के आकर्षण | Tourist Attractions of Ranthambore Fort
रणथंभौर का किला अपनी भव्य वास्तुकला के लिए जाना जाता है। किले में कई मंदिर, महल, दरवाजे और झीलें हैं, जो हिंदू और मुस्लिम स्थापत्य शैली का मिश्रण दर्शाती हैं।
- बादल महल: शानदार नक्काशी से सुसज्जित यह महल शाही परिवार का निवास था।
- हम्मीर हवेली: चौहान शासक हम्मीर देव की स्मृति को समर्पित यह हवेली ऐतिहासिक महत्व रखती है।
- त्रिनेत्र गणेश मंदिर: भगवान गणेश को समर्पित यह मंदिर हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए महत्वपूर्ण है।
रणथंभौर में वन्य जीवन | रणथंभौर जंगल सफारी | Ranthambore Safari
रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान के बीच स्थित होने के कारण, यह किला वन्यजीव प्रेमियों के लिए स्वर्ग है। यहां बाघ, तेंदुआ, चीतल, हिरण, मगरमच्छ और विभिन्न प्रकार के पक्षी देखे जा सकते हैं। आप यहां जंगल सफारी का आनंद ले सकते हैं और वन्यजीवों को उनके प्राकृतिक आवास में देख सकते हैं।
रणथंभौर किले की पर्यटन संबंधी जानकारी | Ranthambore Travel Guide
- रणथंभौर का किला साल भर पर्यटकों के लिए खुला रहता है।
- रणथंभौर किले का प्रवेश शुल्क भारतीयों के लिए रु. ५० और विदेशियों के लिए रु. ३०० है।
- रणथंभौर जंगल सफारी के लिए अलग से शुल्क लगता है।
- रणथंभौर किले तक पहुंचने के लिए आप सड़क या रेल मार्ग का उपयोग कर सकते हैं।
७. जयगढ़ दुर्ग, पर्यटन | जयगढ़ का किला, जयपुर | Travel guide of Jaigarh Fort
जयपुर शहर में अरावली पहाड़ियों पर स्थित, जयगढ़ का किला अपनी भव्यता और ऐतिहासिक महत्व के लिए पर्यटकों को अपनी ओर खींचता है। १७ वीं शताब्दी में निर्मित, यह किला न केवल जयपुर की रक्षा करता था, बल्कि युद्ध सामग्री का भंडार भी था। आइए, इस गौरवशाली किले की यात्रा पर चलते हैं।
जयगढ़ का इतिहास | जयगढ़ किले इतिहास | History of Jaigarh Fort
- जयगढ़ का किला महाराजा जयसिंह द्वितीय द्वारा १६६७ ईस्वी में बनवाया गया था, जिसका उद्देश्य आमेर किले की रक्षा करना था।
- यह किला मुगल साम्राज्य के दौरान भी तोपखाने के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा।
- किले के भीतर मौजूद सुरंग इसे आमेर किले से जोड़ती है, जिससे सैनिकों और युद्ध सामग्री की आवाजाही आसान हो जाती थी।
जयगढ़ किले के पर्यटकों के लिए आकर्षण | Tourist Attractions of Jaigarh Fort
जयगढ़ किला इतिहास, वास्तुकला और युद्ध कला के प्रति उत्साही पर्यटकों के लिए एक बेहतरीन पर्यटन स्थल है।
- जयवंत तोप: यह विश्व की सबसे बड़ी चल तोप है, जिसे कभी युद्ध में इस्तेमाल किया जा सकता था।
- दीवान-ए-आम: यह सभा भवन शाही दरबार के आयोजन के लिए इस्तेमाल किया जाता था।
- ललित महल: इस महल की खूबसूरत छतें और जालीदार खिड़कियां वास्तुकला का शानदार नमूना हैं।
- शस्त्रागार: यहां तलवारें, कवच और अन्य हथियारों का संग्रह प्रदर्शित किया गया है, जो युद्ध की उस प्राचीन तकनीक को दर्शाता है।
जयगढ़ किले की यात्रा की जानकारी | Jaigarh Fort Tourist Guide
- जयगढ़ किले का समय: सुबह ९ बजे से शाम ४:३० बजे तक
- जयगढ़ किले का स्थान: चांदी काटला रोड, जयपुर
- जयगढ़ किले का प्रवेश शुल्क: भारतीयों के लिए रु. ३० और विदेशियों के लिए रु. १५०
- जयगढ़ किला कैसे पहुंचे: जयपुर शहर के किसी भी स्थान से टैक्सी या ऑटो रिक्शा द्वारा जयगढ़ किले तक आसानी से पहुंचा जा सकता है।
८. जूनागढ़ दुर्ग, पर्यटन | जूनागढ़ का किला, बीकानेर | Travel guide of Junagarh Fort
राजस्थान के बीकानेर शहर में स्थित, जूनागढ़ का किला रेगिस्तानी परिदृश्य के बीच एक शानदार संरचना है। यह किला १५ वीं शताब्दी में निर्मित हुआ था और बीकानेर रियासत के शासकों का निवास स्थान रहा है। अपने समृद्ध इतिहास, भव्य वास्तुकला और मनमोहक संग्रहालयों के साथ, जूनागढ़ का किला पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देता है।
जूनागढ़ दुर्ग इतिहास का साक्षी | जूनागढ़ किले का इतिहास | History of Junagarh Fort
- १४७८ ईस्वी में महाराजा राव बीका द्वारा निर्मित, यह किला कई शासकों के अधीन रहा है। प्रत्येक शासक ने अपने वास्तु शैली से किले में अपना योगदान दिया है, जिससे किले की वास्तुकला में मुगल, राजपूत और गुजराती शैलियों का खूबसूरत मिश्रण देखने को मिलता है।
जूनागढ़ किले के आकर्षण | Tourist Attractions of Junagarh Fort
- करण महल: ८० किलो सोने से बना यह महल अपनी शानदार सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है।
- बादल महल: किले की सबसे ऊंची चोटी पर स्थित इस महल से पूरे शहर का मनोरम दृश्य दिखाई देता है।
- लक्ष्मी निवास महल: यह शाही महल अपने संग्रहालय के लिए जाना जाता है, जिसमें हथियार, वस्त्र, पेंटिंग और शाही परिवार से जुड़ी अन्य वस्तुएं प्रदर्शित हैं।
जूनागढ़ किला पर्यटन संबंधी जानकारी | Junagarh Fort Travel Guide
- जूनागढ़ का किला, बीकानेर के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है।
- जूनागढ़ किला सप्ताह के सभी दिनों में सुबह ९ बजे से शाम ५ बजे तक खुला रहता है।
- जूनागढ़ किले का प्रवेश शुल्क भारतीयों के लिए रु. ३० और विदेशियों के लिए रु. १०० है।
- जूनागढ़ किले तक पहुंचने के लिए आप बस, टैक्सी या ऑटो रिक्शा का उपयोग कर सकते हैं।
९. गगनगढ़ किला, जयपुर | गगनगढ़ दुर्ग, पर्यटन | Travel guide of Gagangad Fort
जयपुर में, मनसागवर झील के किनारे, गगनगढ़ किला आसमान की ऊंचाइयों को छूता हुआ खड़ा है। यह १६ वीं शताब्दी में महाराजा मान सिंह प्रथम द्वारा बनवाया गया था, और जयपुर की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था। किले की ऊंचाई से जयपुर शहर का मनोरम दृश्य दिखाई देता है, जो इसे पर्यटकों के लिए एक आकर्षक स्थल बनाता है।
गगनगढ़ किला खगोलीय ज्ञान का केंद्र | Gagangad fort astronomical knowledge center
गगनगढ़ किला को खास बनाने वाली चीजों में से एक है विश्व प्रसिद्ध खगोलीय वेधशाला, जंतर मंतर। १७ वीं शताब्दी में महाराजा जय सिंह द्वितीय द्वारा निर्मित, यह वेधशाला विभिन्न खगोलीय उपकरणों का संग्रह है, जिनका उपयोग समय, ग्रहों की गति और अन्य खगोलीय घटनाओं को मापने के लिए किया जाता था। जंतर मंतर, विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में भारत की समृद्ध विरासत का प्रमाण है।
गगनगढ़ किला दर्शनीय स्थल | Tourist Attractions of Gagangad fort
- दीवान-ए-आम: यह सभा कक्ष था जहाँ महाराजा अपने दरबारियों और गणमान्य लोगों से मिलते थे।
- गगन विहार: यह महल शाही परिवार के मनोरंजन के लिए इस्तेमाल किया जाता था।
- दीपदान सिंह गैलरी: इस संग्रहालय में हथियार, वस्त्र और शाही परिवार से जुड़ी अन्य वस्तुएं प्रदर्शित हैं।
गगनगढ़ किला पर्यटन सूचना | Travel Guide of Gagangad fort
- गगनगढ़ किला, जयपुर में स्थित है और सुबह 9 बजे से शाम 4:30 बजे तक पर्यटकों के लिए खुला रहता है।
- गगनगढ़ किला प्रवेश शुल्क भारतीयों के लिए रु. ३० और विदेशियों के लिए रु. १०० है।
- गगनगढ़ किले तक पहुंचने के लिए आप टैक्सी या ऑटो रिक्शा का उपयोग कर सकते हैं।
१०. तारागढ़ का किला, बूंदी | तारागढ़ दुर्ग, पर्यटन | Travel guide of Taragarh Fort
बूंदी शहर के ऊपर अरावली पहाड़ियों पर स्थित, तारागढ़ का किला राजस्थान के छिपे हुए रत्नों में से एक है। १४ वीं शताब्दी में निर्मित, यह किला न केवल शानदार दृश्यों और समृद्ध इतिहास समेटे हुए है, बल्कि कलात्मक भित्ति चित्रों और शानदार वास्तुकला के लिए भी जाना जाता है।
तारागढ़ किले का इतिहास | History of Taragarh Fort
राव देव हाड़ा द्वारा निर्मित, यह किला कभी बूंदी रियासत की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था। किले में प्रवेश के लिए तीन विशाल द्वार हैं, जिनमें से हाथी पोल सबसे भव्य है। किले के अंदर, आप विभिन्न महलों, मंदिरों और पानी के तालाबों को देख सकते हैं।
तारागढ़ किले के पर्यटक आकर्षण | Tourist Attractions of Taragarh Fort
- हवा महल: अपनी अनूठी छत के लिए प्रसिद्ध, यह महल बूंदी शहर का मनोरम दृश्य प्रस्तुत करता है।
- बदल महल: अपने रंगीन शीशे के काम के लिए विख्यात, यह महल सूर्य की रोशनी में जगमगाता है।
- गर्भ गुंजन तोप: किले की सबसे बड़ी तोप, गर्भ गुंजन अपनी विशाल आकार और ध्वनि के लिए जानी जाती है।
- भित्ति चित्र: किले की दीवारों पर बने रंगीन भित्ति चित्र, राजपूत कला और संस्कृति की झलक दिखाते हैं।
तारागढ़ किला यात्रा संबंधी जानकारी | Travel Guide of Taragarh fort
- तारागढ़ किला, बूंदी शहर के केंद्र से लगभग २ किमी दूर स्थित है।
- तारागढ़ किले का समय सुबह ९ बजे से शाम ५:३० बजे तक पर्यटकों के लिए खुला रहता है।
- तारागढ़ किले का प्रवेश शुल्क भारतीयों के लिए रु. ३० और विदेशियों के लिए रु. १०० है।
- तारागढ़ किले तक पहुंचने के लिए रिक्शा या टैक्सी ले सकते हैं।