चित्तौड़गढ़ के यह तथ्य आप को हैरान कर देंगे।
चित्तौड़ के दुर्ग को २१ जून, २०१३ में यूनेस्को (UNESCO) विश्व विरासत स्थल (World Heritage Place) घोषित किया गया।
इतिहासकारों के अनुसार इस किले का निर्माण मौर्य वंशीय राजा चित्रांगद मौर्य ने सातवीं शताब्दी में करवाया था।
यह दुर्ग चित्रकूट नामक पहाड़ी पर बनाया गया है। इसलिए चित्तौड़गढ़ दुर्ग को चित्रकूट के नाम से भी जाना जाता है।
चित्तौड़गढ़ किले का क्षेत्रफल २.८ वर्ग किलोमीटर (१.१ वर्ग मील) या ७०० एकड़ (२८३ हेक्टेयर) के विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है।
चित्तौड़गढ़ दुर्ग को एक ही नजर में देखने से इस किले की आकृति व्हेल मछली के समान प्रतीत होती है।
चित्तौड़गढ़ का किला, राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में बेड़च नदी के किनारे बना है। यह किला, गंभीरी और बेड़च नदियों के संगम पर स्थित है।
इस विशाल किले में प्रवेश करने के लिए कुल सात दरवाजे बने हुए हैं। इन सभी को पार करके ही किले के अंदर प्रवेश किया जा सकता है।
दुर्ग में बावड़ियों और तालाबों का जाल बिछा है, जो वर्षा जल संचयन की प्राचीन तकनीक का प्रमाण है।
चित्तौड़गढ़ भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। यहां का इतिहास, कला और स्थापत्य कला पर्यटकों को अपनी ओर खींचते हैं।
चित्तौड़गढ़ किला राजस्थान में स्थित एक ऐतिहासिक किला है। इस किले के सभी पहलुओं को जानने का सफर तय करे निचे दिए गए बटन को क्लिक करके।